Posts

Showing posts with the label Poem

"मैं और मेरी कवितायेँ... " :: sandhyakavyadhara.blogspot.com

Image
आज फिर जी लिया फुर्सत के पलों में खुद को आज फिर देखा खुले आसमान में उड़ते पक्षियों को हर दिशा में स्वच्छंद होकर मैं भी उड़ चली धीरे-धीरे उनके पीछे-पीछे... देखो लौट आये हैं सबके सब थक हारकर अपने-अपने घोसलों में पूरी करके अपनी-अपनी खोज... और मैं उड़ रही हूँ अब भी बिना रुके बिना थके पंख फैलाये अनंत आकाश में अब भी यहीं हूँ एक तलाश में... मेरे लिए महत्वपूर्ण है गति और निरंतरता रफ़्तार धीमी हो या हो तेज़ पहुंचा ही देती है गंतव्य तक एक ऐसा गंतव्य जहाँ पहुंचकर भी लगता है बाकी है अब भी कुछ कुछ शेष है अभी भी ... यही भावना है जो बल देती है मेरे पंखों को जोश भरती है मेरी उड़ान में एक अनंत उड़ान मेरे विचारों की उड़ान....  [[.. Read more at " मैं और मेरी कवितायेँ... " :: sandhyakavyadhara.blogspot.com..]]