"सेना में शामिल होंगे माओवादी छापामार" :: raviwar.com
नेपाल के राजनीतिक दलों ने एक समझौते के तहत फैसला लिया है कि आने वाले दिनों में एक तिहाई माओवादी छापामारों को नेपाली सुरक्षाबलों में भर्ती किया जाएगा. इसके अलावा दूसरे माओवादी छापामारों को मुआवजा दिया जायेगा. यह सारा काम अगले कुछ माह में पूरे किये जाने पर सहमति हो गई है.
पिछले कई सालों से नेपाल के राजनीतिक दलों के बीच माओवादी छापामार को लेकर लंबी बहस चलती रही है. नेपाल में लगभग 19 हजार माओवादी छापामार हैं, जो 2006 के शांति समझौते के बाद से शिविरों में रह रहे हैं.
नेपाली छापामारों को लेकर नेपाल में गतिरोध की स्थिति बनी रही है. पिछले कुछ सालों में छापामारों के मुद्दे पर कई असफल बैटकें हुई हैं लेकिन अंततः मंगलवार को मधेशी मोर्चा और तीनों प्रमुख दलों ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर इसका हल निकालने का दावा किया है.
प्रधानमंत्री निवास बालुवाटार में पूरे दिन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओवादी), नेपाली कांग्रेस औऱ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और मधेशी मोर्चा की प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई के साथ बैठक चलती रही. पहले राजनीतिक दलों ने अलग-अलग बैठक की, उसके बाद बाबूराम भट्टराई की उपस्थिति में सभी दलों ने एक संयुक्त बैठक में शांति समझौते पर मुहर लगाई.
माओवादियों की ओर से अध्यक्ष प्रचण्ड, एमाले की ओर से पार्टी अध्यक्ष झलनाथ खनाल, कांग्रेस की ओर से पार्टी सभापति सुशील कोइराला और मधेशी मोर्चा की ओर से फोरम लोकतांत्रिक के अध्यक्ष विजय कुमार गच्छेदार ने इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये.
इस शांति समझौते के अनुसार लगभग 6500 माओवादी छापामार नेपाल के सुरक्षाबल में शामिल किये जाएंगे. जो माओवादी छापामार बचेंगे, उन्हें अनुभव और अन्य योग्यता के आधार पर 5 से 8 लाख रुपये पुनर्वास के लिये दिया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया को व्यवहार में लाने के लिये एक आयोग बनाया जाएगा.
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पिछले कई सालों से नेपाल के राजनीतिक दलों के बीच माओवादी छापामार को लेकर लंबी बहस चलती रही है. नेपाल में लगभग 19 हजार माओवादी छापामार हैं, जो 2006 के शांति समझौते के बाद से शिविरों में रह रहे हैं.
नेपाली छापामारों को लेकर नेपाल में गतिरोध की स्थिति बनी रही है. पिछले कुछ सालों में छापामारों के मुद्दे पर कई असफल बैटकें हुई हैं लेकिन अंततः मंगलवार को मधेशी मोर्चा और तीनों प्रमुख दलों ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर इसका हल निकालने का दावा किया है.
प्रधानमंत्री निवास बालुवाटार में पूरे दिन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओवादी), नेपाली कांग्रेस औऱ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और मधेशी मोर्चा की प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई के साथ बैठक चलती रही. पहले राजनीतिक दलों ने अलग-अलग बैठक की, उसके बाद बाबूराम भट्टराई की उपस्थिति में सभी दलों ने एक संयुक्त बैठक में शांति समझौते पर मुहर लगाई.
माओवादियों की ओर से अध्यक्ष प्रचण्ड, एमाले की ओर से पार्टी अध्यक्ष झलनाथ खनाल, कांग्रेस की ओर से पार्टी सभापति सुशील कोइराला और मधेशी मोर्चा की ओर से फोरम लोकतांत्रिक के अध्यक्ष विजय कुमार गच्छेदार ने इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये.
इस शांति समझौते के अनुसार लगभग 6500 माओवादी छापामार नेपाल के सुरक्षाबल में शामिल किये जाएंगे. जो माओवादी छापामार बचेंगे, उन्हें अनुभव और अन्य योग्यता के आधार पर 5 से 8 लाख रुपये पुनर्वास के लिये दिया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया को व्यवहार में लाने के लिये एक आयोग बनाया जाएगा.
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